NCERT Science Exemplar Paper 2025
बहुविकल्पीय प्रश्न
Chapter-1 रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण
1. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौतिक परिवर्तन नहीं है?
(a) जल के क्वथन पर जलवाष्प का बनना
(b) बर्फ के गलन पर जल का बनना
(c) जल में लवण का विलेय होना
(d) द्रवित पेट्रोलियम गैस का दहन
Answer
(d) द्रवित पेट्रोलियम गैस का दहन: यह एक रासायनिक परिवर्तन है। दहन प्रक्रिया में, गैस ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर नए पदार्थ उत्पन्न करती है, जैसे जल (H₂O) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), जिससे पदार्थ की रासायनिक संरचना बदल जाती है।
2. निम्नलिखित अभिक्रिया एक उदाहरण है-
4NH3(g)+5O2(g)→4NO(g)+6H2O(g)
(i) प्रतिस्थापन अभिक्रिया का
(ii) संयोजन अभिक्रिया का
(iii) उपचयन-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रिया का
(iv) उदासीनीकरण अभिक्रिया का
(a) (i) तथा (iv)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (iii)
(d) (iii) तथा (iv)
Answer
(c) (i) तथा (iii)
4NH3(g)+5O2(g)→4NO(g)+6H2O(g)
यह अभिक्रिया एक उपचयन-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रिया है, क्योंकि इसमे एक यौगिक (NH₃) से इलेक्ट्रॉन का अपचयन हो रहा है (यह ऑक्सीकृत हो रहा है) और दूसरा यौगिक (O₂) इलेक्ट्रॉन ले रहा है। अभिक्रिया या प्रतिस्थापन अभिक्रिया का उदाहरण है।
3. दी हुई अभिक्रिया के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2(g)
(i) आयरन धातु ऑक्सीकृत हो रही है।
(ii) जल अपचयित हो रहा है।
(iii) जल अपचायक के रूप में कार्य कर रहा है।
(iv) जल ऑक्सीकारक के रूप में कार्य कर रहा है।
(a) (i), (ii) तथा (iii)
(b) (iii) तथा (iv)
(c) (i), (ii) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iv)
Answer
(c) (i), (ii) तथा (iv)
3Fe(s)+4H2O(g)→Fe3O4(s)+4H2(g)
इसमें निम्नलिखित कथन सत्य हैं:
(i) आयरन धातु ऑक्सीकृत हो रही है। – सत्य है। आयरन (Fe) अपनी इलेक्ट्रॉनों को खो रहा है और ऑक्साइड (Fe₃O₄) बना रहा है, इसलिए यह ऑक्सीकृत हो रहा है।
(ii) जल अपचयित हो रहा है। – सत्य है। जल (H₂O) अपने हायड्रोजन के वाहय होकर हाइड्रोजन गैस (H₂) का निर्माण कर रहा है।
(iii) जल अपचायक के रूप में कार्य कर रहा है। – यह असत्य है, क्योंकि जल वास्तव में यहाँ अपचयक नहीं है; यह ऑक्सीकृत हो रहा है।
(iv) जल ऑक्सीकारक के रूप में कार्य कर रहा है। – यह भी सत्य है, क्योंकि जल एक धातु के ऑक्सीकृत होने में नहीं बल्कि खुद अपचयित हो रहा है।
4. निम्नलिखित में से कौन-से प्रक्रम ऊष्माक्षेपी हैं?
(i) बिना बुझे चूने के साथ जल की अभिक्रिया
(ii) एक अम्ल का तनुकरण
(iii) जल का वाष्पीकरण
(iv) कपूर (क्रिस्टलों) का ऊर्ध्वपातन
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (iv)
(d) (iii) तथा (iv)
Answer
(a) (ii) तथा (iii)
ऊष्माक्षेपी (endothermic) प्रक्रम वे होते हैं जिनमें ऊर्जा (आमतौर पर गर्मी) अपने चारों ओर के वातावरण से ग्रहण की जाती है।आइए दिए गए विकल्पों का विश्लेषण करें:
(i) बिना बुझे चूने के साथ जल की अभिक्रिया – यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
(ii) एक अम्ल का तनुकरण – यह भी एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है, क्योंकि इसमें अम्ल की सांद्रता को कम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
5. 25 mL जलयुक्त A, B तथा C के रूप में चिह्नित तीन बीकर लिए गए। A, B तथा C बीकरों में कुछ मात्रा में क्रमशः NaOH, निर्जल CuSO4 तथा NaCl मिलाया गया। यह प्रेक्षित किया गया कि बीकर A तथा B के विलयनों के ताप में वृद्धि हुई जबकि बीकर C के विलयन के ताप में कमी हुई। निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) कथन सत्य है (हैं)?
(i) बीकर A तथा B में ऊष्माक्षेपी प्रक्रम संपन्न हुआ।
(ii) बीकर A तथा B में ऊष्माशोषी प्रक्रम संपन्न हुआ।
(iii) बीकर C में ऊष्माक्षेपी प्रक्रम संपन्न हुआ।
(iv) बीकर C में ऊष्माशोषी प्रक्रम संपत्र हुआ।
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iii)
Answer
(c) (i) तथा (iv)
बीकर A में NaOH है, जो पानी में घुलने पर ऊष्माक्षेपी (exothermic) प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है, जिससे तापमान बढ़ता है। बीकर B में निर्जल CuSO₄ है, जो भी पानी के संपर्क में आने पर ऊष्माक्षेपी प्रतिक्रिया करता है, जिससे तापमान बढ़ता है।
बीकर C में NaCl है, जो पानी में घुलते समय तापमान में कमी लाता है, इसलिए यह ऊष्माशोषी (endothermic) प्रक्रम है।
NCERT Science Exemplar Practice Paper with solution
6. अम्लीय परमैंगनेट विलयन युक्त एक बीकर में फैरस सल्फेट का तनु विलयन धीरे-धीरे मिलाया गया। हल्के जामुनी रंग का विलयन क्षीण होता है तथा अंततः रंग विलुप्त हो जाता है। निम्नलिखित में से कौन-सी व्याख्या उपरोक्त प्रेक्षण के लिए सही है?
(a) KMnO4 एक ऑक्सीकारक है यह FeSO4 को ऑक्सीकृत करता है।
(b) FeSO4 एक ऑक्सीकरक है तथा KMnO4 को ऑक्सीकृत करता है।
(c) तनुता के कारण रंग विलुप्त हो जाता है, कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) KMnO4 एक अस्थायी यौगिक है तथा FeSO4 की उपस्थिति में एक रंगहीन यौगिक में अपघटित हो जाता है।
Answer
(a) KMnO₄ एक ऑक्सीकारक है यह FeSO₄ को ऑक्सीकृत करता है।
अम्लीय परमैंगनेट विलयन (KMnO₄) एक शक्तिशाली ऑक्सीकारक होता है। जब आप फ़ैरस सल्फेट (FeSO₄) का तनु विलयन जोड़ते हैं, तो KMnO₄ Fe²⁺ (फ़ैरस आयन) को Fe³⁺ (फेरिक आयन) में ऑक्सीकृत करता है। इस प्रक्रिया में KMnO₄ का हल्का जामुनी रंग क्षीण हो जाता है और अंततः विलुप्त हो जाता है।
इसलिए, सही उत्तर होगा:
(a) KMnO₄ एक ऑक्सीकारक है यह FeSO₄ को ऑक्सीकृत करता है।
यह विकल्प इस बात की पुष्टि करता है कि KMnO₄ की उपस्थिति में FeSO₄ का ऑक्सीक्रीकरण हो रहा है।
7. निम्नलिखित में से कौन-सी द्विविस्थापन अभिक्रिया है/अभिक्रियाएँ हैं?
(i) Pb+ CuCl2→ PbCl2 + Cu
(ii) Na2SO4 + BaCl2→ BaSO4 + 2NaCl
(iii) C+O2 →CO2
(iv) CH4+202→ CO2+2H2O
(a) (i) तथा (iv)
(b) केवल (ii)
(c) (i) तथा (ii)
(d) (iii) तथा (iv)
Answer
(b) (ii)
द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double displacement reaction) वह अभिक्रिया होती है जिसमें दो यौगिकों के बीच में स्थान परिवर्तन होता है।
अब दिए गए अभिक्रियाओं का विश्लेषण करते हैं:
(i) Pb + CuCl₂ → PbCl₂ + Cu
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया नहीं है।
(ii) Na₂SO₄ + BaCl₂ → BaSO₄ + 2NaCl
यह भी एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है। BaSO₄ यहाँ एक ठोस पदार्थ (ppt) के रूप में बनता है।
(iii) C + O₂ → CO₂
यह एक संयोजन अभिक्रिया है, द्विविस्थापन नहीं।
(iv) CH₄ + 2O₂ → CO₂ + 2H₂O
यह भी एक अपघटन अभिक्रिया है, द्विविस्थापन नहीं।
8. सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड के उद्भासन पर वह स्लेटी क्यों हो जाता है?
(i) सिल्वर क्लोराइड के अपघटन पर सिल्वर बनने से
(ii) सिल्वर क्लोराइड के ऊर्ध्वपातन से
(iii) सिल्वर क्लोराइड के क्लोरीन गैस में विघटन से
(iv) सिल्वर क्लोराइड के ऑक्सीकरण से
(a) केवल (i)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) केवल (iv)
Answer
(a) केवल (i)
सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड (AgCl) का उद्भासन होता है, जिससे यह स्लेटी (gray) रंग का हो जाता है। यह प्रक्रिया मुख्यतः निम्नलिखित कारणों से होती है:
(i) सिल्वर क्लोराइड के अपघटन पर सिल्वर बनने से: जब सिल्वर क्लोराइड को सूर्य के प्रकाश के संपर्क में लाया जाता है, तो यह अपघटित होकर सिल्वर (Ag) के कणों का निर्माण करता है। ये सिल्वर कण क्लोराइड को स्लेटी रंग का दिखाते हैं।
(iii) सिल्वर क्लोराइड के क्लोरीन गैस में विघटन से: जब AgCl अपघटित होता है, तो यह क्लोरीन गैस (Cl₂) भी उत्पन्न करता है, लेकिन यह मुख्य रंग परिवर्तन का कारण नहीं है।
इसलिए इस प्रक्रिया को सीधे तौर पर (i) के माध्यम से ही समझाया जा सकता है।
9. ठोस कैल्सियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया कर कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है तथा साथ में ऊष्मा उत्पन्न होती है इस प्रक्रिया को चूने का बुझाना कहते हैं। कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड जल में घुलकर इसका विलयन बनाता है, जिसे चूने का पानी कहते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से कथन चूने के बुझाने तथा इसके विलयन बनने के लिए सत्य हैं?
(i) यह एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
(ii) यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
(iii) परिणामी विलयन की pH 7 से अधिक होगी।
(iv) परिणामी विलयन की pH 7 से कम होगी।
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i) तथा (iv)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (iii) तथा (iv)
Answer
(c) (i) तथा (iv)
चूने का बुझाना (slaking of lime) प्रक्रिया में ठोस कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) जल के साथ अभिक्रिया करता है और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)₂) बनाता है, जो एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया होती है, यानी इस प्रक्रिया में गर्मी उत्पन्न होती है।
इसके साथ ही, कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन (चूने का पानी) जल में घुलता है और इसका pH 7 से कम होगा, क्योंकि कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड एक क्षारीय यौगिक है।
इसलिए सही कथन हैं:
(ii) यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
(iii) परिणामी विलयन की pH 7 से अधिक होगी।
इसलिए सही उत्तर है:
(c) (ii) तथा (iii)
10. बेरियम क्लोराइड, अमोनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया पर बेरियम सल्फेट तथा अमोनियम क्लोराइड देता है। निम्नलिखित में से कौन अभिक्रिया के प्रकार को सही प्रदर्शित करता है?
(i) विस्थापन अभिक्रिया
(ii) अवक्षेपण अभिक्रिया
(iii) संयोजन अभिक्रिया
(iv) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) केवल (iv)
(d) (ii) तथा (iv).
Answer
(d) (ii) तथा (iv)
बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) और अमोनियम सल्फेट ((NH₄)₂SO₄) के बीच की अभिक्रिया निम्नलिखित रूप में होती है:
BaCl2+(NH4)2SO4→BaSO4↓+2NH4ClBaCl2+(NH4)2SO4→BaSO4↓+2NH4Cl
इस अभिक्रिया में, दो यौगिक एक नए यौगिक और एक अवक्षिप्त ठोस (बेरियम सल्फेट, BaSO₄) का निर्माण करते हैं।
इस अभिक्रिया को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double displacement reaction): क्योंकि इसमें दो यौगिकों के बीच के आइऑनों का स्थान परिवर्तन होता है।
अवक्षेपण अभिक्रिया (Precipitation reaction): क्योंकि यह प्रक्रिया एक ठोस (BaSO₄) के निर्माण का कारण बनती है, जो कि विलयन से बाहर निकलती है।
इसलिए सही उत्तर होंगे: (d) (ii) तथा (iv)
NCERT Science Exemplar Practice Paper Chapter First
11. जल का विद्युत अपघटन एक अपघटन अभिक्रिया है। जल के विद्युत अपघटन में मुक्त हुई हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैस का मोलर अनुपात है
(a) 1:1
(b) 2:1
(c) 4:1
(d) 1:2
Answer
(b) 2:1
जल (H₂O) के विद्युत अपघटन की प्रक्रिया में, जल को विद्युत धारा द्वारा विभाजित किया जाता है जिससे हाइड्रोजन (H₂) और ऑक्सीजन (O₂) गैसें बनती हैं।
अभिक्रिया इस प्रकार है: 2H2O→2H2+O2
इस अभिक्रिया के अनुसार, 2 मोल जल से 2 मोल हाइड्रोजन और 1 मोल ऑक्सीजन उत्पन्न होते हैं।
इसका मोलर अनुपात होगा:
हाइड्रोजन : ऑक्सीजन = 2 : 1
इसलिए सही उत्तर है:
(b) 2:1
12. निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) ऊष्माशोषी प्रक्रम है (हैं)?
(i) सल्फ्यूरिक अम्ल का तनुकरण
(ii) शुष्क बर्फ का ऊर्ध्वपातन
(iii) जलवाष्प का संघनन
(iv) जल का वाष्पीकरण
(a) (i) तथा (iii)
(b) केवल (ii)
(c) केवल (iii)
(d) (ii) तथा (iv)
Answer
(d) (ii) तथा (iv)
ऊष्माशोषी प्रक्रम वह होते हैं जिनमें प्रक्रम के दौरान ऊर्जा (ऊष्मा) को अवशोषित किया जाता है। निम्नलिखित प्रक्रमों का विश्लेषण करें:
(i) सल्फ्यूरिक अम्ल का तनुकरण: यह एक ऊष्माशोषी प्रक्रम है क्योंकि इसमें ऊर्जा अवशोषित होती है जब घनत्व में कमी आती है।
(ii) शुष्क बर्फ का ऊर्ध्वपातन: शुष्क बर्फ (CO₂ ठोस) सीधे गैस में परिवर्तित होती है जब इसे गर्म किया जाता है, और यह भी एक ऊष्माशोषी प्रक्रम है।
(iii) जलवाष्प का संघनन: यह एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है, इसमें ऊष्मा विसर्जित होती है जब पानी वाष्प में बदलता है।
(iv) जल का वाष्पीकरण: यह एक ऊष्माशोषी प्रक्रम है क्योंकि जल को वाष्पित होने के लिए ऊर्जा अवशोषित करनी होती है।
इसलिए, सही उत्तर होगा: (d) (ii) तथा (iv)
13. जलीय पोटैशियम आयोडाइड तथा जलीय लेड नाइट्रेट के मध्य द्विविस्थापन अभिक्रिया में लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप बनता है। इस प्रक्रिया को करते समय यदि लेड नाइट्रेट उपलब्ध न हो तो निम्नलिखित में से किसे लेड नाइट्रेट के स्थान पर प्रयुक्त किया जा सकता है?
(a) लेड सल्फेट (अविलेय)
(b) लेड ऐसीटेट
(c) अमोनियम नाइट्रेट
(d) पोटैशियम सल्फेट
Answer
(b) लेड ऐसीटेट
जलीय पोटैशियम आयोडाइड (KI) और जलीय लेड नाइट्रेट (Pb(NO₃)₂) के बीच द्विविस्थापन अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लेड आयोडाइड (PbI₂) का पीला अवक्षेप बनता है।
यदि लेड नाइट्रेट उपलब्ध न हो, तो वैकल्पिक रूप से एक ऐसा लेड यौगिक चाहिए जो कि एक समान अभिक्रिया उत्पन्न कर सके।
विकल्पों का विश्लेषण करते हैं:
(a) लेड सल्फेट (अविलेय): यह पानी में अघुलनशील है, इसलिए यह उपयोगी नहीं होगा।
(b) लेड ऐसीटेट (Pb(C₂H₃O₂)₂): यह पानी में घुलनशील है और पोटैशियम आयोडाइड के साथ प्रतिक्रिया करेगा जिससे लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप बनेगा।
(c) अमोनियम नाइट्रेट: यह भी एक महत्वपूर्ण यौगिक है, लेकिन यह लेड आयोडाइड के निर्माण में मदद नहीं करेगा।
(d) पोटैशियम सल्फेट: यह लेड आयोडाइड के उत्पादन में सहायक नहीं होगा।
इसके आधार पर, सही उत्तर होगा:
(b) लेड ऐसीटेट
14. तेल के नमूने को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड अथवा ऑक्सीजन
(b) नाइट्रोजन अथवा ऑक्सीजन
(c) कार्बन डाइऑक्साइड अथवा हीलियम
(d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन
Answer
(d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन
तेल के नमूने को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए ऐसा गैस का चयन किया जाता है जो ऑक्सीकरण की प्रक्रिया को रोक सके। ऑक्सीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है जो तेल में रसायनिक परिवर्तनों और बासीपन का कारण बनती है।
सही विकल्प होगा:
(d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन: ये दोनों गैसें इनerte (अक्रिय) हैं और ये ऑक्सीकरण प्रक्रिया को रोकने में मदद करती हैं, जिससे तेल अधिक समय तक ताजा रह सकता है।
इसलिए सही उत्तर है:
(d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन
15. प्रयोगशाला में ऑक्सीजन गैस बनाने के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया प्रयुक्त की जाती है-
ऊष्मा उत्प्रेरक→ 2KClO3 (g) 2KCl(s) +30.2(g)
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन अभिक्रिया के संदर्भ में सही है?
( a) यह एक अपघटन अभिक्रिया है तथा ऊष्माशोषी प्रकृति की है।
(b) यह एक संयोजन अभिक्रिया है।
(c) यह एक अपघटन अभिक्रिया है तथा ऊष्मा के निकलने के साथ संपन्न होती है।
(d) यह एक प्रकाश रासायनिक अपघटन अभिक्रिया है तथा ऊष्माक्षेपी प्रकृति की है।
Answer
दिए गए अभिक्रिया में, पोटैशियम क्लेरेट (KClO₃) का अपघटन किया जा रहा है जिससे पोटैशियम क्लोराइड (KCl) और ऑक्सीजन गैस (O₂) का निर्माण होता है। इस पर आधारित सही विकल्प का विश्लेषण:
अपघटन अभिक्रिया: क्योंकि एक यौगिक (KClO₃) टूटकर दो नई उत्पाद (KCl और O₂) बना रहा है।ऊष्माक्षेपी प्रकृति: पोटैशियम क्लेरेट का अपघटन ऊष्मा को अवशोषित करता है, इसलिए यह ऊष्माशोषी है
यह रासायनिक अभिक्रिया प्रकाश रासायनिक प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि इसमें प्रकाश की आवश्यकता नहीं है।इसलिए सही उत्तर होगा: (a) यह एक अपघटन अभिक्रिया है तथा ऊष्माशोषी प्रकृति की है।
NCERT Science Exemplar Chapter First Test Paper
16. निम्नलिखित में से कौन-से प्रक्रम में रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं?
(a) एक गैस सिलेंडर में निम्न दाब पर ऑक्सीजन गैस का भंडारण गैस
(b) वायु का द्रवीकरण
(c) चीनी की प्याली में खुले में पेट्रोल रखना
(d) उच्च ताप पर वायु की उपस्थिति में कॉपर की तार को गरम करना
Answer
(d) उच्च ताप पर वायु की उपस्थिति में कॉपर की तार को गरम करना।
रासायनिक अभिक्रियाँ तब होती हैं जब दो या दो से अधिक पदार्थ आपस में क्रिया करके नए रासायनिक यौगिक बनाते हैं। दिए गए विकल्पों में से निम्नलिखित विकल्प की जांच करते हैं:
(a) एक गैस सिलेंडर में निम्न दाब पर ऑक्सीजन गैस का भंडारण: यह रासायनिक अभिक्रिया नहीं है; यह केवल भौतिक प्रक्रिया है।
(b) वायु का द्रवीकरण: यह भी एक भौतिक प्रक्रिया है; इसमें रासायनिक परिवर्तन नहीं होते।
(c) चीनी की प्याली में खुले में पेट्रोल रखना: यह रासायनिक अभिक्रिया नहीं है, यह केवल एक भौतिक जोखिम है।
(d) उच्च ताप पर वायु की उपस्थिति में कॉपर की तार को गरम करना: इस प्रक्रिया में कॉपर की तार ऑक्सीकृत होकर कॉपर ऑक्साइड बना सकती है, जो एक रासायनिक परिवर्तन है।
इसलिए सही उत्तर होगा:
(d) उच्च ताप पर वायु की उपस्थिति में कॉपर की तार को गरम करना।
17. निम्नलिखित में से कौन-सी रासायनिक अभिक्रिया में अभिक्रिया ताप पर क्रियाकारकों एवं क्रियाफलों की अवस्थाओं को सही संकेत चिह्नों द्वारा प्रदर्शित किया गया है?
(a) 2H2(l) + O2(l) →2H2O(g)
(b) 2H2(g) + O2(1) →2H2O(l)
(c) 2H2(g) + O2(g) →2H2O(l)
(d) 2H2(g) + O2(g) →2H2O(g)
Answer
(c) 2H2(g) + O2(g) → 2H2O(l)
विकल्प (c) में, दोनों रासायनिक अभिकर्ता H2H2 और O2O2 गैसीय अवस्था में हैं, जबकि उत्पाद H2OH2O तरल अवस्था में है। यह स्थिति सही है क्योंकि पानी (H2O) सामान्य तापमान पर तरल अवस्था में होता है।
18. निम्नलिखित में से कौन-सी संयोजन अभिक्रियाएँ हैं?
(i) 2KCIO3 → 2KCl+302
(ii) MgO+H2O →Mg(OH)2
(iii) 4Al +302 →2A1203
(iv) Zn+ FeSO4 →ZnSO4 + Fe
(a) (i) तथा (iii)
(b) (iii) तथा (iv)
(c) (ii) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iii)
Answer
(d) (ii) तथा (iii)
संयोजन अभिक्रिया (Combination Reaction) वह अभिक्रिया होती है, जिसमें दो या दो से अधिक अभिकर्ता मिलकर एक नया उत्पाद बनाते हैं।
अभिक्रियाओं का विश्लेषण:
(i) 2KClO3→2KCl+3O22KClO3→2KCl+3O2 : यह एक अपघटन अभिक्रिया है, क्योंकि इसमें एक यौगिक (KClO3) टूटकर दो अलग-अलग उत्पाद (KCl और O2) बना रहा है।
(ii) MgO+H2O→Mg(OH)2MgO+H2O→Mg(OH)2 : यह एक संयोजन अभिक्रिया है, क्योंकि दो अभिकर्ता (MgO और H2O) मिलकर एक नया उत्पाद (Mg(OH)2) बना रहे हैं।
(iii) 4Al+3O2→2Al2O34Al+3O2→2Al2O3 : यह भी एक संयोजन अभिक्रिया है, क्योंकि दो अभिकर्ता (Al और O2) मिलकर एक नया उत्पाद (Al2O3) बना रहे हैं।
(iv) Zn+FeSO4→ZnSO4+FeZn+FeSO4→ZnSO4+Fe : यह एक विस्थापन अभिक्रिया है, क्योंकि एक धातु (Zn) दूसरी धातु (Fe) को विस्थापित कर रही है।
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